बसंती हवा तन को महका रही है, ऋतु मधुमास की मन बहका रही है। बसंती हवा तन को महका रही है, ऋतु मधुमास की मन बहका रही है।
बाँगों की हरियाली छू के सरसौ के फूलो को महकाने बाँगों की हरियाली छू के सरसौ के फूलो को महकाने
कल थी हिंदी, आज भी हिंदी, भावी कल में भी होगी हिंदी।। कल थी हिंदी, आज भी हिंदी, भावी कल में भी होगी हिंदी।।