रंगों में डूबा है नादां मन ,चलाए अँखियों ही अँखियों से प्रेम की सतरंगी फुहार मचाए हो रंगों में डूबा है नादां मन ,चलाए अँखियों ही अँखियों से प्रेम की सतरंगी फुहा...
सुनाई देती है वही सुरीले पंछी की चहचहाहट फिर से। सुनाई देती है वही सुरीले पंछी की चहचहाहट फिर से।