STORYMIRROR

कुछ कर करें शुभ कर्म भरोसा प्रभु पर सद्व्यवहार प्रभु पर श्रद्धा विचित्र सृष्टि सुख-दुख में समभाव गरल-पीयूष एक सागर से सद्बुद्धि और सद्वृत्ति दे दो भटक सकूं न

Hindi सकूं Poems