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करें शुभ कर्म भरोसा प्रभु पर प्रभु पर श्रद्धा विचित्र सृष्टि सुख-दुख में समभाव गरल-पीयूष एक सागर से सद्बुद्धि और सद्वृत्ति दे दो भटक सकूं न

Hindi सद्व्यवहार Poems