मानव क्रांति आसार जड़ सत्ता स्त्री श्रम ह्या हिंदी कविता hindikavita लोलुप निगाहें खामोश निगाहें पदचाप हिन्दीकविता नारी मूर्ती नहीं इन्सान है

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