कभी टोका कभी रोका कितने अपनों से मिला धोखा कभी टोका कभी रोका कितने अपनों से मिला धोखा
आरजू अपनी पूरी करने को किसने तुमको रोका है. आरजू अपनी पूरी करने को किसने तुमको रोका है.
बहोत रोका तुझे क्यूँ न माना मुझे क्यूँ न जाना मुझे साथी रे... बहोत रोका तुझे क्यूँ न माना मुझे क्यूँ न जाना मुझे साथी रे...