हमारी संस्कृति और आज का युग हमारी संस्कृति और आज का युग
पुराने दोस्त, यार, मित्र, वह यादें और घर, माॅं सब कुछ याद आता है ना कभी कभी... पुराने दोस्त, यार, मित्र, वह यादें और घर, माॅं सब कुछ याद आता है ना कभी कभी...
भूलना मुश्किल है बड़ा याद आता है मुझे आज भी वो अपना घर याद आता है कमरे की उसारी, दहलान का झूला छो... भूलना मुश्किल है बड़ा याद आता है मुझे आज भी वो अपना घर याद आता है कमरे की उसार...