भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, बजता रहता भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, ...
भले ही रफ्तार मध्यम हो। मैं धारा की तरह बहता रहूंगा। भले ही रफ्तार मध्यम हो। मैं धारा की तरह बहता रहूंगा।
आजीवन आभारी रहूंगा, मैं आजीवन ही आभारी। आजीवन आभारी रहूंगा, मैं आजीवन ही आभारी।