घूमता रहता हूँ एक मूकाम की तलाश में मैं तेरी जन्नत से आदम सा निकला हूँ। घूमता रहता हूँ एक मूकाम की तलाश में मैं तेरी जन्नत से आदम सा निकला हूँ।
चूमें नस्लें निशां तुम्हारे इतनी तो पाकिज़गी रक्खो। चूमें नस्लें निशां तुम्हारे इतनी तो पाकिज़गी रक्खो।
हैं सबके अपने-अपने रंग फिर भी सबका कफ़न सफेद ! हैं सबके अपने-अपने रंग फिर भी सबका कफ़न सफेद !