करो प्रकृति श्रृंगार। सांग गोवर्धन सब करो जीवन उध्दार। करो प्रकृति श्रृंगार। सांग गोवर्धन सब करो जीवन उध्दार।
धुरि भरे अति सोहत स्याम जू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी। धुरि भरे अति सोहत स्याम जू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।
हे मानुष! मुझे रौंदकर तुम कहाँ जा पाओगे? हे मानुष! मुझे रौंदकर तुम कहाँ जा पाओगे?