जो भीगा उस रोज़ ख़ुमारी आज भी है। जो भीगा उस रोज़ ख़ुमारी आज भी है।
ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता..... ओस की बूंँदे कहती..... है मेरा कुछ तुझसे ऐसा वास्ता.....