दिल में है जो वो लिखूं, या लब पे है जो वो लिखूं। दिल में है जो वो लिखूं, या लब पे है जो वो लिखूं।
बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ढूंढती मैं, बेलगाम, बेपरवाह अलमस्त, सिरफिरी सी मैं, अपने ही उठाये सवालों के जवाब ...
आदमी वक्त का पाबंद फिर भी बेलगाम है। आदमी वक्त का पाबंद फिर भी बेलगाम है।