हमें अब उनका ख्याल आता नहीं हमें अब उनका ख्याल आता नहीं
बेमक़सद, बेवज़ह, इसे बर्बाद क्यूँ करना। बेमक़सद, बेवज़ह, इसे बर्बाद क्यूँ करना।
लाख भूलाना चाहा, ख़ुलुस-ए-दिल ‘अर्पिता ‘ मग़र ये कोशिशें बारहॉं, आज़माती है मुझे। लाख भूलाना चाहा, ख़ुलुस-ए-दिल ‘अर्पिता ‘ मग़र ये कोशिशें बारहॉं, आज़माती है मुझे...
बेख्याली में भी ख्याल है तेरा अजब दिल का अब हाल है मेरा। बेख्याली में भी ख्याल है तेरा अजब दिल का अब हाल है मेरा।