लाख भूलाना चाहा, ख़ुलुस-ए-दिल ‘अर्पिता ‘ मग़र ये कोशिशें बारहॉं, आज़माती है मुझे। लाख भूलाना चाहा, ख़ुलुस-ए-दिल ‘अर्पिता ‘ मग़र ये कोशिशें बारहॉं, आज़माती है मुझे...