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पद अच्छी कविता इनाम कर्तव्य अपमान रिश्ते उद्धहरण दुःख बस स्त्री एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली आ रही है जाने कितनी पीढ़ियों से" (इसी कविता से) जीवन दिल मर्म फर्क धरा प्रेम आत्मज्ञान पीड़ा सुख सजा

Hindi पीढ़ियों Poems