चुपके से पितृसत्ता की दोहरी भेंट, हर दिन अब चढ़ती जाती। चुपके से पितृसत्ता की दोहरी भेंट, हर दिन अब चढ़ती जाती।
तुम्हारे कहे अनुसार स्त्री जब करती है सब काम पूछती नहीं तुमसे कोई भी सवाल, तुम्हारे कहे अनुसार स्त्री जब करती है सब काम पूछती नहीं तुमसे कोई भी सवाल,