कोहरे से आच्छादित है गगन फिर से चली जो पछुआ पवन। कोहरे से आच्छादित है गगन फिर से चली जो पछुआ पवन।
कोहरा थानेदार है, रपट लिखेगा कौन? कोहरा थानेदार है, रपट लिखेगा कौन?