त्याग की उस मूर्ति को नोचते हैं भेड़िए दामन को चीरते खरोचते हैं भेड़िए, त्याग की उस मूर्ति को नोचते हैं भेड़िए दामन को चीरते खरोचते हैं भेड़िए,