मैं हूं नदी, कहूं आत्मकथा भ्राता। मैं हूं नदी, कहूं आत्मकथा भ्राता।
मानव की गरिमा सवाल के घेरे में आती है, मानव का मैला यदि कोई मानव से उठवाए मानव की गरिमा सवाल के घेरे में आती है, मानव का मैला यदि कोई मानव से उठवाए
बातें हो गई बन्द कभी की ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली। बातें हो गई बन्द कभी की ज़ुबानें हो गईं गाली-गाली।