रंग गंध कोई नहीं , फिज़ा करें रंगीन। झड़ी लगती बारिश अब,मन को करें हसीन। रंग गंध कोई नहीं , फिज़ा करें रंगीन। झड़ी लगती बारिश अब,मन को करें हसीन।
करुण वीर वात्सल्य भाव से काव्य सृजन करता जाता है, करुण वीर वात्सल्य भाव से काव्य सृजन करता जाता है,