सुफ़ेद कुर्ते की बाँह मोड़ते तुम किसी किताब की जिल्द पर मेरा नाम उकेरते दिख जाओ सुफ़ेद कुर्ते की बाँह मोड़ते तुम किसी किताब की जिल्द पर मेरा नाम उकेरते दिख जा...
जिसके लिए मैं कभी, यूँ दीवाना था जैसे बरसते मौसम का, आवारा बादल जिसके लिए मैं कभी, यूँ दीवाना था जैसे बरसते मौसम का, आवारा बादल