कैसा है ये मंज़र, ये कैसा बवाल है? बिना मुँह ढँके निकल सके कोई, क्या किसी की मजाल है कैसा है ये मंज़र, ये कैसा बवाल है? बिना मुँह ढँके निकल सके कोई, क्या किसी...
मत बनाओ तुम इस मंदिर को श्मशान मत बनने दो देश को श्मशान। मत बनाओ तुम इस मंदिर को श्मशान मत बनने दो देश को श्मशान।
इसकी मांगें मान लो, उलझो ना बेकार। इसकी मांगें मान लो, उलझो ना बेकार।
"मेरी तमाम कमजोरियों के बावजूद मेरा देस मुझे दुलारता है मुझमें मेरा देस बसता है" "मेरी तमाम कमजोरियों के बावजूद मेरा देस मुझे दुलारता है मुझमें मेरा देस बसता ...
नीचै गिरी धड़ाम, काम के होरे लाले नीचै गिरी धड़ाम, काम के होरे लाले
जी डी पी घट गई, इसी का मोटा रोणा। जी डी पी घट गई, इसी का मोटा रोणा।