समस्याएं बहुत सारी, उपजाई हुई है हमारी। समस्याएं बहुत सारी, उपजाई हुई है हमारी।
निजी सहायक सेवक सारे, करते हैं हमारी वाह्य सुरक्षा। निज विवेक अंतर्मन अपना, आत्मशक्त निजी सहायक सेवक सारे, करते हैं हमारी वाह्य सुरक्षा। निज विवेक अंतर्मन अपना...
देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव। देती हैं तन-मन को बहु पीड़ाएं, व्याधियां मूल में जिनके तनाव।
सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति। सुख पाता एक जन जिस साधन से, हो सकता है दूजे को न दे पाए शांति।