तुम्हारी शरारतों में ही छिपा है ऐसा राज़। पहनाकर रहूंगी तुम्हें होशियारी का ताज़।। तुम मानो या न म... तुम्हारी शरारतों में ही छिपा है ऐसा राज़। पहनाकर रहूंगी तुम्हें होशियारी का ताज...