पचपन तक तो फिर भी हाल ठीक है पचपन के बाद तो सब बेहाल है! पचपन तक तो फिर भी हाल ठीक है पचपन के बाद तो सब बेहाल है!
इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं। इसे किसी पहचान कि कोई ज़रुरत ही नहीं होता हैं।