अब कभी ना आओगे आप... न कभी ढा़ढ़स बंधाओगे न कभी जोहोगे बाट गली के छोर पर जैसे हमेशा जोहा करत... अब कभी ना आओगे आप... न कभी ढा़ढ़स बंधाओगे न कभी जोहोगे बाट गली के छोर पर ...
पहचानी कभी आवाज कहीं छुअन कोई पहचानी कभी आवाज कहीं छुअन कोई