चम्पा कल भी पढ़ना नहीं जानती थी और आज भी काले काले अक्षर नहीं चीन्हती है । चम्पा कल भी पढ़ना नहीं जानती थी और आज भी काले काले अक्षर नहीं चीन्हती है ।
'बिखरती चंपा-चमेली की खुशबू से नहाती खिडकी पता है लौटके ना आयेगा फिर भी कोई टोटका खिड़की।' घर की खिड़... 'बिखरती चंपा-चमेली की खुशबू से नहाती खिडकी पता है लौटके ना आयेगा फिर भी कोई टोटक...