सबके मन को भाई बच्चों को अपने पीछे बहुत भगाई सबके मन को भाई बच्चों को अपने पीछे बहुत भगाई
पापी हूँ या कपटी हूँ जैसी भी हूँ तेरी हूँ घरबार छोड़कर मैं जीवन से खेली हूँ पापी हूँ या कपटी हूँ जैसी भी हूँ तेरी हूँ घरबार छोड़कर मैं जीवन से खेली हूँ