बहुत चाहा लिखूँ सब की व्यथाएँ कोरे कागज पर मिली फुर्सत कहाँ मुझको कभी अपनी कहानी से बहुत चाहा लिखूँ सब की व्यथाएँ कोरे कागज पर मिली फुर्सत कहाँ मुझको कभी अपनी कहान...
कुछ ऐसा कर दिखाएंगे की दुनिया वाले अब आवारा न बोलेंगे... कुछ ऐसा कर दिखाएंगे की दुनिया वाले अब आवारा न बोलेंगे...
शकुनि मामा कूटनीति का चतुर चपल खिलाड़ी था शकुनि मामा कूटनीति का चतुर चपल खिलाड़ी था