अब बस हसीन पंखुड़ियाँ है, जिनमें हर रोज़ ओस पड़ती है अब बस हसीन पंखुड़ियाँ है, जिनमें हर रोज़ ओस पड़ती है
दिमाग़ को तो ना पूछोगे सलाह सही देता वो आज वो भरमा दे शायद उसकी कब सुनते हो।। दिमाग़ को तो ना पूछोगे सलाह सही देता वो आज वो भरमा दे शायद उसकी कब सुनते हो।।
अपने जीवन के पौधे को, हम सींचें उस निर्मल-जल से, सुख-दुःख के विकट थपेड़ों को, यह सह ले हिम्मत से, बल... अपने जीवन के पौधे को, हम सींचें उस निर्मल-जल से, सुख-दुःख के विकट थपेड़ों को, यह...