जैसे भारतमाता आसूँ बहा रही है। जैसे भारतमाता आसूँ बहा रही है।
उसने अपनी भावनाओं का और अब जो तुम्हारे पास है, वो तुम्हारी होकर भी तुम्हारी नहीं है। उसने अपनी भावनाओं का और अब जो तुम्हारे पास है, वो तुम्हारी होकर भी तुम्...
मानवता मिट नहीं सकती इस रात की सुबह जल्द ही मुस्कुराहट भरी होगी। मानवता मिट नहीं सकती इस रात की सुबह जल्द ही मुस्कुराहट भरी होगी।