लेकिन चुपके से आँखों के झरोकों में शब्दों का एक कारवाँ बनता चला गयाबिना छुए जिस्मों मे... लेकिन चुपके से आँखों के झरोकों में शब्दों का एक कारवाँ बनता चला गयाबि...
इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है... इस कविता मे धरती का महबूब उसे उसकी हुई बुरी हालत से रूबरू करवा रहा है...
हौले से आना, दिल का हाल सुना जाना। चुपके से आकर के, मुझे गले लगा लेना। हौले से आना, दिल का हाल सुना जाना। चुपके से आकर के, मुझे गले लगा लेना।
उलझी सी है ज़िन्दगी मेरी ना कोई कश्ती ना किनारा। उलझी सी है ज़िन्दगी मेरी ना कोई कश्ती ना किनारा।
रखो उमंग को संग ज़रा , ज़रा और बढ़ाओ आस परिश्रम के घरौंदे में ही है सफलता का वास नयी उमंग से करो एक नयी... रखो उमंग को संग ज़रा , ज़रा और बढ़ाओ आस परिश्रम के घरौंदे में ही है सफलता का वास नय...