कौन कहे कि जिंदगी सुलझ जाए ये तो और सुलगती जा रही है कौन कहे कि जिंदगी सुलझ जाए ये तो और सुलगती जा रही है
मेरे दिल की हर बात को वह समझती है फिर भी जान बुझ कर हमसे उलझती है मेरे दिल की हर बात को वह समझती है फिर भी जान बुझ कर हमसे उलझती है