शुद्ध, पवित्र रिश्ते की पर, कोई औकात नहीं है। शुद्ध, पवित्र रिश्ते की पर, कोई औकात नहीं है।
ये जो ख़ामोशी है इन दरमियाँ, इसकी वजह कुछ खूबसूरत रही होगी। न जाने कितनी बीत गयी सदियाँ, फिर भी कुछ ... ये जो ख़ामोशी है इन दरमियाँ, इसकी वजह कुछ खूबसूरत रही होगी। न जाने कितनी बीत गयी...
जो गुनाह किया ना कभी था उसका हमें गुनाहगार बनाया! जो गुनाह किया ना कभी था उसका हमें गुनाहगार बनाया!