फिर हर्षागत का आवभगत कि संध्या दीपक के क्षण हैं।। फिर हर्षागत का आवभगत कि संध्या दीपक के क्षण हैं।।
वो मुखौटों में छुपे हुए कुछ 'खुदगर्ज़ी' से भरे चेहरे थे. वो मुखौटों में छुपे हुए कुछ 'खुदगर्ज़ी' से भरे चेहरे थे.