आज फिर से खोलना चाहती हूँ मैं तुम्हें कई दिनो की बात आज फिर से खोलना चाहती हूँ मैं तुम्हें कई दिनो की बात
तुम्हारे प्यार की महक उनमें छाने लगीं है...... कागज के फूल से भी अब खूशबू आने लगीं है तुम्हारे प्यार की महक उनमें छाने लगीं है...... कागज के फूल से भी अब खूशबू आन...
बहुत सोच समझ कर किया विचार, फूल जमा करने का अब लिया है ठान। बहुत सोच समझ कर किया विचार, फूल जमा करने का अब लिया है ठान।