बिना दस्तक दिए ये जो आजमाइशें आती हैं साथ अपने ढ़ेर सारे गम की पुड़िया लाती हैं. बिना दस्तक दिए ये जो आजमाइशें आती हैं साथ अपने ढ़ेर सारे गम की पुड़िया लाती हैं...
परिंदा हूं रोक लो जितना रोकना है, अभी तो अम्बर के पार उड़ान बाकी है। परिंदा हूं रोक लो जितना रोकना है, अभी तो अम्बर के पार उड़ान बाकी है।