अविनाशी खुद जाने माने, कमल पात सा रह जायें। अविनाशी खुद जाने माने, कमल पात सा रह जायें।
अमृत कलश से सींचा हमें रोए तो बांहों में भिंचा हमें, अमृत कलश से सींचा हमें रोए तो बांहों में भिंचा हमें,
हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन पर सर्वदा हो सहायक एक- दूजे के ध्यान रखना ही है सदा, कृपा दृष्टि प्रभु की रहे रघु-कंचन ...