यादों के आगोश में मिलन की आस में रात भर वो बैठी रही द्वारे। यादों के आगोश में मिलन की आस में रात भर वो बैठी रही द्वारे।
उस दिन काला आसमान था और सूरज भी डरके कहीं जा छिप गया था। उस दिन काला आसमान था और सूरज भी डरके कहीं जा छिप गया था।
यदि वह सर्पनुमा है तो उसे भी अपशकुन ही माना है जाता, यदि वह सर्पनुमा है तो उसे भी अपशकुन ही माना है जाता,
फैला है चारो और अंधविश्वास लोगों को है इसपर विश्वास। फैला है चारो और अंधविश्वास लोगों को है इसपर विश्वास।