धूम मचाता अंधड़ आया । धूल उड़ी अंधेरा छाया । धूम मचाता अंधड़ आया । धूल उड़ी अंधेरा छाया ।
आयो री आयो मेरो बसंत आयो किसी की सरसों खिल गयी किसी की झर गईं बेरी। आयो री आयो मेरो बसंत आयो किसी की सरसों खिल गयी किसी की झर गईं बेरी।