ज़िन्दगी की कहानी
ज़िन्दगी की कहानी
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किसी के आँखों में ख़ुशी का, तो किसी में दर्द का पानी
कितनी अजीब है ये ज़िन्दगी की कहानी
कोई सोता है हर रोज़ मलमल के बिस्तर पे
किसी की ज़िन्दगी कट जाती टाट पर पैबंद लगाने में
कोई छोड़ देता खाने को थाली में जूठा
किसी को दिन लग जाते उसे जुटाने में
कोई अपनों पे लाखों लुटा देता
किसी के अपने छूट जाते रोजी रोटी कमाने में
किसी की मुश्किलों का सबब किसी की हर रात सुहानी
किसी के सपनों की मंजिल तो किसी के लिए बिलकुल बेमानी
तय करना है सबको यह सफर,बेशक राहें है अनदेखी -अंजानी
कोई मज़बूर है हालात से, कोई कर रहा अपनी मनमानी
किसी के आँखों में ख़ुशी का, तो किसी में दर्द का पानी
कितनी अजीब है ये ज़िन्दगी की कहानी।