STORYMIRROR

Mohd Anwar Jamal Faiz

Others

4  

Mohd Anwar Jamal Faiz

Others

ये ज़वाल क्यूं

ये ज़वाल क्यूं

1 min
351

पूछे दिल मेरा ये ज़वाल क्यूं

दूं मैं खुद से उसको निकाल क्यूं


है दिल की फिर वो ही जुस्तुजू

न हो दिल का फिर वो हाल क्यूं


तू जो खुद नहीं माँ बाप का

होगा फिर तेरा ऐतफ़ाल क्यूं


मैने बस सुनाई थी दास्तान 

तेरे अश्‍क़ हैं इतने बेहाल क्यूं


यूं करता तो है मगर पूछे दिल 

मैं करूं यूँ तेरा अब ख़याल क्यूं


बड़ी हैरत रक़ीबों को है ‘बरबर’

पामाल दिल सोज़ बहाल क्यूं।



Rate this content
Log in