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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Others

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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यादें

यादें

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कभी हँसाती 

कभी रूलाती 

यादें।


कभी सताती 

खट्टे-मीठे दिन याद दिलाती 

यादें।


गुजरे दिन 

दु:ख या मौज में 

पल-पल की फिल्म दिखाती 

यादें।


खुशी हो या 

हो गम 

आँसू बनकर छलक जाती 

यादें।


ये नटखट 

बड़ी सताती 

तरह-तरह के रूप दिखाती 

यादें।


कभी बचपन तो 

कभी पचपन की सैर कराती 

यादें।


जिंदगी के साथ-साथ चलती 

यादें।




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