मंज़र की चाहतों पर, पहरा समाज क्यों है ? मंज़र की चाहतों पर, पहरा समाज क्यों है ?
शब्द भी लिखे पुरुष के त्याग भाई के पवित्रता और निश्छल पिता के प्रेम पे। शब्द भी लिखे पुरुष के त्याग भाई के पवित्रता और निश्छल पिता के प्रेम पे।