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Navin Madheshiya

Children Stories

3  

Navin Madheshiya

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वर्षा ऋतु

वर्षा ऋतु

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 झम झम झम मेघ बरसे

 धरा का तन मन हरसे

 छुट्टी मिली गर्मी से देखो

 प्रफुल्लित हुआ हम सबका मन


 चलने लगी शीतल हवा अब देखो

 झूमने लगा ये तन बदन

 थे गर्मी से बेहाल ये

 पेड़ पौधे फूल सभी


 बारिश हो आया जब

 चमकने लगे हैं सभी

 कोयल कू कू गाती 

 नाचने लगे मोर सभी


 कैसा खुशनुमा मौसम आया है

 जैसे बता रहे हो सभी।


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