वो आज फ़िर याद आ गई
वो आज फ़िर याद आ गई
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वो आज फ़िर याद आ गई,
वो धुंडली यादे दरपन कर गई,
वो जो उसके आने से आती थी मुस्कान,
वो मुस्कान आज आंखे नम कर गई।
वो जो हरफ दर हरफ की थी बाते,
वो बाते आज जुबान खामोश कर गेई,
वो जो दफन कर चुका था तेरी यादे,
वो यादे आज फिर क्यू याद आयी ?