Rekha Shukla
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वक्त के बादशाह ना बन सके तो ग़ुलाम तो ना बनो
बिना बोले शोर मचाती है पीछे पीछे मौत मंडराती है
ज़ख़मी सांसे ...
माँ
रूठे
शब्द
एक लम्हां सो ...
पायल
ख़ुदा
रंग कलम से बे...
सैयो
ओ' परवर दिगार...