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Sudhir Srivastava

Others

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Sudhir Srivastava

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विनती

विनती

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माँ शारदे तुझको नमन है

ज्ञान से अज्ञान हम हैं,

तेरी महिमा करुणा का 

ज्ञान भी हमको नहीं है।

दीन हीन हैं हम तो माँ

अक्षर भी आता नहीं है,

कैसे मैं पूजूँ तुझे माँ

कुछ समझ आता नहीं है।

माँ मुझे वरदान दे दे

मुझको अपनी शरण में ले

ज्ञान अक्षर का कराकर

मुझको भी पहचान दे दे।

हूँ शरण तेरी मैं माँ

जिद ये मेरी जान ले

अज्ञानता का बोझ माँ

अब सहा जाता नहीं

ले ले अपनी शरण में माँ

अब तो तू उद्धार करे दे।

अक्षरों के ज्ञान से माँ

धन्य ये जीवन तू कर दे

नीच,पापी, अधम हूँ माँ

अब मेरा कल्याण कर दे।

माना इस लायक नहीं माँ

फिर भी तेरा लाल हूँ मैं

अपनी ममता से मेरी माँ

लाल को भव पार कर दे।



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