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Rohit Verma

Others

5.0  

Rohit Verma

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लकीर

लकीर

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काँच के टुकड़े कभी जुड़ नहीं सकते,

मन से हारे हुए इंसान कभी जीत नहीं सकते,

मोमबत्ती जिंदगी भर उजाला नहीं देगी

कभी न कभी पिघल ही जाना है,

मोम की तरह जीने से अच्छा जलती हुई

अंगार की तरह बनकर रहना है,

हाथो की लकीरे मिटाई नहीं जा सकती,

जख्मों पर मलहम लगाकर सफाई नहीं दी जाती।


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