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Chitra Yadav

Others

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Chitra Yadav

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उम्मीद

उम्मीद

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अक्सर

तमाम परेशानियों, ग़म और

जहनी पशोपश के बीच

एक ख़याल रौशन होता है,

"कोई बात नहीं, इंतजार करती हूँ

शायद कल कुछ बेहतर हो"

और इस रौशनी के तले

वो तमाम परेशानियां, ग़म और

जहनी पशोपेश धुँधला जाते हैं।

शायद इस ख़याल को ही

"उम्मीद" कहते हैं।


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